The smart Trick of shiva chalisa lyrics That No One is Discussing
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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं get more info और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।